Harivansharaay Bachchan Ne Kya Khoob Likha Hai – Hindi Kavita
Harivansharaay Bachchan Ne Kya Khoob Likha Hai – Hindi Kavita
यहाँ सब कुछ बिकता है,
दोस्तों रहना जरा संभल के!
बेचने वाले हवा भी बेच देते है,
गुब्बारों में डाल के।
सच बिकता है, झूट बिकता है,
बिकती है हर कहानी!
तीन लोक में फैला है,
फिर भी बिकता है बोतल में पानी!
कभी फूलों की तरह मत जीना,
जिस दिन खिलोगे…
टूट कर बिखर जाओगे।
जीना है तो पत्थर की तरह जियो;
जिस दिन तराशे गए
उसदिन “खुदा” बन जाओगे।।
💯🙏✍️
Harivansharaay Bachchan Ne Kya Khoob Likha Hai – Hindi Kavita
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