Muskura Diya Karta Hu – Hindi Poem
Muskura Diya Karta Hu – Hindi Poem
उलझनें है बहुत
सुलझा लिया करता हूँ
फोटो खिंचवाते वक्त मैं अक्सर
मुस्कुरा दिया करता हूँ…!
क्यों नुमाइश करू मैं अपने
माथे पर शिकन की
मैं अक्सर मुस्कुरा के
इन्हें मिटा दिया करता हूँ
क्योंकि
जब लड़ना है खुद को खुद ही से……!
तो हार और जीत में कोई फर्क नहीं रखता हूं….!
हारूं या जीतूं कोई रंज नहीं
कभी खुद को जिता देता हूँ
कभी खुद ही जीत जाया करता हूं
इसलिए भी मुस्कुरा दिया करता हूँ..
😇✍️
Muskura Diya Karta Hu – Hindi Poem
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