Gham Ki Ghataye Chhat Chuki Dekho Naya
तम की घटाएँ छँट चुकी, देखो नया सबेरा है,
चिड़िया चहके, बयार भी महके, किरणों का बसेरा है।
उठ जाग मुसाफिर देर हुई, उम्मीदों ने तुम्हे घेरा है,
सपने पूरे कर लो अपने, कहता ये बसेरा है।
सुप्रभात।
1640 total views , 1 views today
Tags :