आँख बंद करके चलाना खंजर हम पे, कहीं हमने मुस्कुरा दिया, तो कत्ल़ तुम्हारा होगा

आँख बंद करके चलाना खंजर हम पे, कहीं हमने मुस्कुरा दिया, तो कत्ल़ तुम्हारा होगा
अपनी मौत भी क्या मौत होगी ,, एक दिन यूँ ही मर जायेंगे तुम पर मरते मरते !!
खत्म हो गए उन लोगों से भी रिश्ते जिन से मिल कर लगता था की ये जिन्दगी भर साथ देंगे!
कभी कभी इंसान ना टूटता है ना बिखरता है बस हार जाता है कभी किस्मत से तो कभी अपनों से
ये एक तरफा प्यार भी बहुत अज़ीब होता है, हमेशा डर लगा रहता है की कोई उन्हें हम से चुरा न ले।
दुनिया जलती हैं तो जलने दो, क्योंकि जलाने वाले भी हम है और बुझाने वाले भी हम ही है.
मैं बैठूंगा जरूर महफ़िल में मगर पियूँगा नहीं क्योंकि मेरा गम मिटा दे इतनी शराब की औकात नहीं..
कौन कहता है नेचर और सिग्नेचर कभी नही बदलतें हैं, अगर हाथ पर चोट लगे तो सिग्नेचर बदल जाता है, और चोट अगर दिल पर हो तो नेचर बदल जाता है।
जब मिलोगे किसी और से तो जान जाओगे, अगर अच्छे नहीं थे तो बुरे भी नहीं थे हम…!
नमक की तरह हो गयी है जिंदगी, लोग स्वादानुसार इस्तेमाल कर लेते हैं
ये कैसे फासले हैं दरमियां तुम हो कहीं ..मैं हूँ कहीं
कुछ दोस्त सीध़े सादे भी अच्छे नहीं लगते और, कुछ कमीने जान से भी प्यारे होते हैं..
बस एक शख्स मेरे दिल की जिद है, ना उससे ज्यादा चाहिए ना कोई और चाहिए।
बुरा वक्त सब पर आता है, काेइ बिखर जाता है, ताे काेइ निखर जाता है..
जहर के असरदार होने से कुछ नही होता साहेब, खुदा भी राजी होना चाहिए मौत देने के लिये..
ना कर जिद अपनी हद में रह ए दिल, वो बड़े लोग हैं अपनी मर्ज़ी से याद करते है..