Likh Deta Hu Apne Zazbato Ko Kavita Mein – Hindi Poem
Likh Deta Hu Apne Zazbato Ko Kavita Mein – Hindi Poem
लिख देता हूं अपने जज्बातों को कविता में,
हर बात बोल के बताऊं जरूरी तो नहीं।
माना मुझसे भी होती है गलतियां,
पर तुम्हारी गलतियों पर भी मै ही मनाऊ जरूरी तो नहीं।
बहुत वक्त हो गया है तुमसे बात किए शायद भूल चुके हो अब मुझे,
पर मै भी तुम्हे भूल जाऊ जरूरी तो नहीं।
तुम क्यों नहीं समझते बेइंतहा मोहब्बत है तुमसे,
पर हर वक्त प्यार जताऊ जरूरी तो नहीं।
बहुत किया था तुमने भी मोहब्बत हमसे,
पर हमारी इश्क़ की कहानियां सबको सुनाऊ जरूरी तो नहीं।
मै जानता हूं अब खुश हो किसी और के साथ,
पर मै भी तुम्हारी जगह किसी और को लाऊ जरूरी तो नहीं।
Likh Deta Hu Apne Zazbato Ko Kavita Mein – Hindi Poem
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