Mili hai ruuh toh rasmo ki
मिली हैं रूहें तो
रस्मों की बंदिशें क्या है
यह जिस्म तो ख़ाक हो जाना है
फिर रंजिशें क्या है …..
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मिली हैं रूहें तो
रस्मों की बंदिशें क्या है
यह जिस्म तो ख़ाक हो जाना है
फिर रंजिशें क्या है …..
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