Samandar Ka Pani Sarab Hota Hai – Hindi Poem
Samandar Ka Pani Sarab Hota Hai – Hindi Poem
समन्दर का पानी शराब होता तो
सोचो कितना बवाल होता,
हक़ीक़त, ख़्वाब होते तो सोचो
कितना बवाल होता…
किसी के दिल में क्या छुपा हैं ये
बस ख़ुदा ही जानता है,
दिल अगर बेनक़ाब होते तो सोचो
कितना बवाल होता…
थी ख़ामोशी हमारी फ़ितरत में तभी
तो बरसो निभाई लोगों से,
अगर मुँह में हमारे जवाब होते तो
सोचो कितना बवाल होता…
हम तो अच्छे थे पर लोगों की
नजर में हमेशा बुरे ही रहें,
कहीं हम सच में बुरे होते तो सोचो
कितना बवाल होता…
Samandar Ka Pani Sarab Hota Hai – Hindi Poem
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