Shailesh Lodha Famous Lines, Shailesh Lodha Shayari
Shailesh Lodha Famous Lines, Shailesh Lodha Shayari
आदमी बन जो धरा का भार कंधो पर उठाये
बाँट दे जग को ना अमृत बूँद अधरों पर लगाये
है जरूरत आज ऐसे आदमी की विश्व को फिर
विश्व का विष सिंधु पी जाए मगर हिचकी ना आये.
शैलेश लोढ़ा
बच्चों के हाथ में मोबाइल देखता हूँ
तो बड़ा ही कष्ट होता है. इनके माता
पिता से एक ही निवेदन है इनसे
मोबाइल छीन लो और हाथ में किताब दे दो.
शैलेश लोढ़ा
हम जुल्फ की तारीफ़ में सारी रात गीत गा देते है,
सुबह दाल में एक बाल आ जाएँ मुंह पर खींच कर मार देते है.
शैलेश लोढ़ा
Shailesh Lodha Famous Lines
21वीं सदी का बस इतना सा प्रभाव है,
पहले अभाव में खुशियां थीं,
अब खुशियों का अभाव है.
शैलेश लोढ़ा
ताले है चाबियाँ है पर
उनका आभास खत्म हो गया है,
पड़ोसी है लेकिन उनका
विश्वास खत्म हो गया है.
शैलेश लोढ़ा
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छत नहीं रहती, दहलीज नहीं रहती दीवारों दर नहीं रहता
घर में बुजुर्ग ना हो तो घर, घर नहीं रहता।
शैलेश लोढ़ा
सच है इरादे हमारे विध्वंसक नहीं है,
अकारण युद्ध के हम भी प्रशंसक नहीं है,
अहिंसा के पुजारी है हम लेकिन
सुन ले दुनिया अहिंसक है हम नपुंसक नहीं है.
शैलेश लोढ़ा
जिस दिन तू शहीद हुआ ना जाने
किस तरह तेरी माँ सोई होगी
मैं तो बस इतना जानू कि वो गोली भी
तेरे सीने में उतरने से पहले रोई होगी.
शैलेश लोढ़ा
सच है इरादे हमारे विध्वंसक नहीं है,
अकारण युद्ध के हम भी प्रशंसक नहीं है,
अहिंसा के पुजारी है हम लेकिन
सुन ले दुनिया अहिंसक है हम नपुंसक नहीं है.
शैलेश लोढ़ा