तुम नहीं हो पास मगर तन्हाँ रात वही है वही है चाहत यादों की बरसात वही है हर खुशी भी दूर है मेरे आशियाने से खामोश लम्हों में दर्द-ए-हालात वही है
तुम नहीं हो पास मगर तन्हाँ रात वही है वही है चाहत यादों की बरसात वही है हर खुशी भी दूर है मेरे आशियाने से खामोश लम्हों में दर्द-ए-हालात वही है
मत पूछ ये की मैं तुझे भुला नहीं सकता तेरी यादों के पन्ने को मैं जला नहीं सकता संघर्ष यह है कि खुद को मारना होगा और अपने सुकून की खातिर तुझे रुला नहीं सकता
सच्चा प्यार किसी भूत की तरह होता है बातें तो सब करते है देखा किसी ने नहीं
हमने भी एक ऐसे शख्स को चाहा जिसको भुला न सके और वो किस्मत मैं भी नहीं
नशे में भी तेरा नाम लब पर आता है चलते हुए मेरे पाँव लड़खड़ाते हैं दर्द सा दिल में उठता है मेरे हसीं चेहरे पर भी दाग नजर आता है
जरूरी नहीं इश्क़ में बन हूँ के सहारे ही मिले किसी को जी भर के महसूस करना भी मोहब्बत है
सिर्फ वक़्त गुजरना हो तो किसी और को अपना बना लेना हम दोस्ती भी करते है तो प्यार की तरह
गिलास पर गिलास बहुत टूट रहे हैं खुसी के प्याले दर्द से भर रहे हैं मशालों की तरह दिल जल रहे हैं जैसे ज़िन्दगी में बदकिस्मती से मिल रहे हैं
सच्चे प्यार वालों को हमेशा लोग गलत ही समझते है जबकि टाइम पास वालो से लोग खुश रहते है आज कल
दुनिया को आग लगाने की ज़रूरत नहीं तो मेरे साथ चसल आग खुद लग जाएगी