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Lamhe fursat ke aaiye toh

लम्हे फुर्सत के आएं तो, रंजिशें भुला देना दोस्तों, किसी को नहीं खबर कि सांसों की मोहलत कहाँ तक है।

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Tum nahi ho pass magar tahna raat wahi hai

तुम नहीं हो पास मगर तन्हाँ रात वही है वही है चाहत यादों की बरसात वही है हर खुशी भी दूर है मेरे आशियाने से खामोश लम्हों में दर्द-ए-हालात वही है

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Mat puch yu ki mein tujhe bhula nahi sakta

मत पूछ ये की मैं तुझे भुला नहीं सकता तेरी यादों के पन्ने को मैं जला नहीं सकता संघर्ष यह है कि खुद को मारना होगा और अपने सुकून की खातिर तुझे रुला नहीं सकता

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