हम दुश्मनों को भी बड़ी शानदार सजा देते हैं, हाथ नहीं उठाते बस नज़रों से गिरा देते हैं|
हम दुश्मनों को भी बड़ी शानदार सजा देते हैं, हाथ नहीं उठाते बस नज़रों से गिरा देते हैं|
हथियार तो सिर्फ वो लोग रखते है जिसे डर हो, हमारी तो बस नाम ही काफी है, सुनते ही लोगो के मन में खौंफ पैदा कर देती है |
हमारा शौक तो तलवार रखने का है बन्दूक के लिए तो बच्चे भी ज़िद करते हैं
यू ना कहो के ये किस्मत की बात है… मुझे बर्बाद करने में तुम्हारी भी हाथ है…
लोग भी कमाल करते है, जवाब जानते हुए भी सवाल करते है!
अगर खुद पर घमंड आने लगे, तो मिट्टी से पूछ लेना आज कल सिकंदर कहा है।
सीधी सी बात है यार तुम बिछड़ गए… और हम बिगड़ गए |