हाल जब भी पूछो खैरियत बताते हो, लगता है मोहब्बत छोड़ दी तुमने।
हाल जब भी पूछो खैरियत बताते हो, लगता है मोहब्बत छोड़ दी तुमने।
चेहरे पर सुकून तो बस दिखाने भर का है, वरना बेचैन तो हर शख्स ज़माने भर का है।
बिगाड़ के रख देती है ज़िन्दगी का चेहरा, ए-मोहब्बत… तू बड़ी तेजाबी चीज़ है।
रोज़ रोज़ गिर कर भी मुकम्मल खड़ा हूँ, ऐ मुश्किलों देखो मैं तुमसे कितना बड़ा हूँ।
मिलने को तो हर शख्स एहतराम से मिला, पर जो मिला किसी न किसी काम से मिला।
जिसके लफ़्ज़ों में हमे अपना अक्स मिलता है, बड़े नसीबों से ऐसा कोई शख़्स मिलता है।
लोग तलाशते है कि कोई… फिकरमंद हो, वरना कौन ठीक होता है यूँ हाल पूछने से।
तबाह होकर भी तबाही दिखती नही, ये इश्क़ है इसकी दवा कहीं बिकती नहीं।
करने लगे जब शिकवा उससे उसकी बेवफाई का रख कर होंट को होंट से खामोश कर दिया
तरस गये है हम तेरे मुंह से कुछ सुनने को हम प्यार की बात न सही कोई शिकायत ही कर दे
तुम नहीं हो पास मगर तन्हाँ रात वही है वही है चाहत यादों की बरसात वही है हर खुशी भी दूर है मेरे आशियाने से खामोश लम्हों में दर्द-ए-हालात वही है
मत पूछ ये की मैं तुझे भुला नहीं सकता तेरी यादों के पन्ने को मैं जला नहीं सकता संघर्ष यह है कि खुद को मारना होगा और अपने सुकून की खातिर तुझे रुला नहीं सकता
सच्चा प्यार किसी भूत की तरह होता है बातें तो सब करते है देखा किसी ने नहीं
हमने भी एक ऐसे शख्स को चाहा जिसको भुला न सके और वो किस्मत मैं भी नहीं
नशे में भी तेरा नाम लब पर आता है चलते हुए मेरे पाँव लड़खड़ाते हैं दर्द सा दिल में उठता है मेरे हसीं चेहरे पर भी दाग नजर आता है
जरूरी नहीं इश्क़ में बन हूँ के सहारे ही मिले किसी को जी भर के महसूस करना भी मोहब्बत है
सिर्फ वक़्त गुजरना हो तो किसी और को अपना बना लेना हम दोस्ती भी करते है तो प्यार की तरह
गिलास पर गिलास बहुत टूट रहे हैं खुसी के प्याले दर्द से भर रहे हैं मशालों की तरह दिल जल रहे हैं जैसे ज़िन्दगी में बदकिस्मती से मिल रहे हैं
सच्चे प्यार वालों को हमेशा लोग गलत ही समझते है जबकि टाइम पास वालो से लोग खुश रहते है आज कल
दुनिया को आग लगाने की ज़रूरत नहीं तो मेरे साथ चसल आग खुद लग जाएगी