Woh mayus chehra mere jehen se niklta hi nahi
वो मासूम चेहरा मेरे ज़ेहन से निकलता ही नहीं
दिल को कैसे समझाऊ कि
धोखेबाज़ था वो।
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वो मासूम चेहरा मेरे ज़ेहन से निकलता ही नहीं
दिल को कैसे समझाऊ कि
धोखेबाज़ था वो।
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