सच की आवाज़ में इतनी चुभन होती है की कहने वालों की जुबां कट जाती है और सुनने वालों के कान के परदे फट जाते हैं।
सच की आवाज़ में इतनी चुभन होती है की कहने वालों की जुबां कट जाती है और सुनने वालों के कान के परदे फट जाते हैं।
ये कलियुग है साहब यहाँ सच पर सवाल खड़े हो जाते हैं, और झूठ को बैठे-बैठे सच मान लिया जाता है।
सच तो यह है की खुद को सच्चा कहने वाले सबसे बड़े झूठे होते हैं।
अफ़सोस क़ानून के हाथ तो लम्बे होते हैं पर आँखे इतनी तेज़ नहीं होती की सच देख सके।
मीठे झूठ का स्वाद सबकी जुबां को इतना भा गया हैं की लोगों ने कड़वे सोच बोलने ही छोड़ दिए हैं।
इंसान उस दिन से कुछ भी कहने से बचने लगा जब से झूठ भी सच जैसा दिखने लगा।
सच कहने वालों की कमी हो गई क्यूंकि सच सुनना किसी को पसंद नहीं है।
झूठ कह कर भी खुद को सच साबित नहीं कर पाता और सच खामोश रह कर भी साबित हो जाता है।
सच पर चाहे कितने ही परदे डाल लो वो एक ना एक दिन नंगा हो ही जाता है।
झूठ का सम्मान इतना बढ़ चूका है की लोग सच का सामना कर ही नहीं पाते।
मुँह झूठ का काला होता है पर दुनिया को सच दिखाई नहीं देता।
“Learn as much as you can while you are young, since life becomes too busy later”- Dana Stewart Scott
If you want to be more powerful in life, educate yourself. It’s that simple.
सच नहीं दवा कह लो साहब हर किसी की जुबां को ये कड़वा लगता है
“When I was young, I admired clever people. Now that I am old, I admire kind people.” – Abraham Joshua Heschel
“Three things in human life are important: The first is to be kind; the second is to be kind, and the third is to be kind.” – Henry James
“There is only one happiness in this life, to love and be loved.” – George Sand
‘The more you give away the happier you become.’